आजकल घर से लेकर बाहर तक हर जगह इंडियन टॉयलेट सीट की जगह वेस्टर्न टॉयलेट (western toilet) का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है। आज हम आपको बताने जा रहे है इंडियन टॉयलेट सीट और वेस्टर्न टॉयलेट सीट के फायदे और नुकसान के बारें में, साथ ही हम आपको ये भी बताएंगे की आपके लिए कौन से सीट का इस्तेमाल बेहतर रहेगा
ये सीट कर सकती है बीमार
एक रिसर्च में पता चला है कि जब कोई शख्स इंडियन टॉयलेट यूज करता है तो उसके बॉडी में ज्यादा मूवमेंट होती है. इसमें पंजे से लेकर सिर तक पूरी बॉडी पर दबाव लगता है, लेकिन वेस्टर्न सीट आपको बीमार कर सकती है क्योंकि यह बहुत ही आरामदायक होती है।
इस सीट पर फ्रेश होने में लगता है ज्यादा समय
इंडियन टॉयलेट में फ्रेश होने में टाइम भी कम लगता है। इसमें पेट साफ होने में 3 से 4 मिनट का समय लगता है वहीं वेस्टर्न सीट पर 5 से 7 मिनट लग जाते हैं. कई बार लोगों को पेट ठीक से साफ नहीं होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करने से पेट और पाचन तंत्र पर दबाव आता है. जिससे पेट जल्द साफ हो जाता है।
संक्रमण का होता है खतरा
वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इससे पेचिश और पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं. वेस्टर्न सीट स्किन के संपर्क में आती है. इस वजह से कीटाणु आपको बीमार कर सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में कौन सी टॉयलेट बेहतर
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के लिए इंडियन टॉयलेट ज्यादा बेहतर होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे नॉर्मल डिलीवरी के चांस बढ़ जाते हैं. इसके अलावा इंडियन सीट का इस्तेमाल करने से कब्ज की दिक्कत भी नहीं होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. NewsGossip.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)