नई दिल्ली: एक ताजा अध्ययन में ब्लड फ्लो के स्लो होने के लिए लंबी सिटिंग, हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग हैबिट, हैल्दी डाइट ना लेना और एक्सरसाइज की कमी को अहम वजह बताया गया है। अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार, बैठते या लेटते ही पैरों की मांसपेशियों में ब्लड फ्लो 90 फीसदी तक स्लो हो जाता है। लॉन्ग सिटिंग से ब्लड क्लॉटिंग की आशंका बढ़ती है। ऐसे में 30 मिनट की सिटिंग के बाद 3 मिनट का गैप जरूर होना चाहिए।
ब्लड प्रेशर के ज्यादा होने से आर्टरीज के कड़क होने का खतरा पैदा हो जाता है, इससे ब्लड फ्लो बाधित होने लगता है।रिपोर्ट में कहा गया कि सिगरेट और तंबाकू में निकोटिन के रूप में एक्टिव इनग्रेडिएंट होता है। ये धमनी की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है, ब्लड को गाढ़ा करता है। इससे ब्लड फ्लो बाधित होता है। पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक आदि में नाइट्रेट पाया जाता है, जिससे शरीर नाइट्रिक ऑक्साइड में बदलता है। ये ब्लड वेसल्स को चौड़ा करता है।
इससे ब्लड फ्लो सुधरता है। ऐसे ही यदि कम से कम 5 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से वॉक किया जाए तो ब्लड फ्लो के लिए बहुत फायदेमंद है। बता दें कि आजकल के लाइफस्टाइल में लंबे वर्किंग आवर्स की वजह से कुछ लोग अक्सर अपनी सेहत को लेकर कई तरह की लापरवाही कर जाते हैं।
अनियमित खानपान और नियमित व्यायाम ना करना तो मानों ऐसे लोगों की जिंदगी का हिस्सा हो गया होता है। इतना ही नहीं मामूली सी दूरी के लिए ऐसे लोग पैदल चलने की जगह कार या बाइक का इस्तेमाल करते हैं। जबकि पैदल चलना और फिजिकली एक्टिव रहने से ब्लड सर्कुलेशन चलता रहता है।
अच्छे ब्लड सर्केुलेशन से ही प्रत्येक कोशिका तक ऑक्सीजन पहुंचती है। जब बॉडी हर एक पार्ट में पर्याप्त मात्रा में ब्लड का सर्कुलेशन (रक्त का संचार) नहीं होता है, तब हाथ पैर ठंडे पड़ने लगते हैं अथवा सुन्न होने लगते हैं। यदि आपकी त्वचा पतली है तो पैरों का रंग नीला पड़ सकता है। खराब ब्लड सर्कुलेशन के कारण त्वचा ड्राई हो सकती है, नाखून अपने आप टूटने लगते हैं साथ ही बालों का झड़ना बढ़ जाता है।