लंदन: धरती पर बर्फीले इलाकों में पाए जाने वाला पेंग्विन अदभूत जीव है। एक स्थान से दूसरी जगह जाने के लिए यह पैदल चलना ज्यादा पसंद करता है। यह एक ऐसा पक्षी है जो लंबी उड़ान नहीं भर सकता। ये जीव इतने प्यारे होते हैं कि आप घंटों इन्हें देख सकते हैं। लेकिन इन पक्षियों को लेकर अब एक अजीबोगरीब दावा किया जा रहा है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि धरती के बर्फीले इलाकों में पाए जाने वाले काले सफेद पक्षी पेंग्विन एलियंस हो सकते हैं। वैज्ञानिकों को पेंग्विन्स के मल में एक खास तरह का रसायन मिला है जो शुक्र ग्रह पर भी पाया जाता है।
ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने पक्षी के मल में फोस्फीन नाम के रसायन की खोज की है। इस खोज ने पेंग्विन की उत्पत्ति के बारे बड़े पैमाने पर अटकलों और सवालों को जन्म दिया है। वैज्ञानिक अब इस सवाल के जवाब की खोज कर रहे हैं कि शुक्र से 38 मिलियन मील दूर पृथ्वी पर फॉस्फीन कैसे मौजूद हो सकता है।
अध्ययन के बाद अब वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि पेंग्विन दूसरी दुनिया में मौजूद अलग-अलग तरह के जीवों यानी एलियंस की पहचान करने में उनकी मदद कर सकते हैं। रसायन के बारे में ज्यादा जानने के लिए वैज्ञानिक अब जेंटो पेंगुइंस की जीवनशैली का अध्ययन करने की योजना बना रहे हैं, जो फ़ॉकलैंड द्वीप समूह में आम हैं। लंदन के इंपेरियल कॉलेज के डॉ डेव क्लेमेंटस ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि फॉस्फीन की खोज वास्तविक है। लेकिन हम नहीं जानते कि यह कैसे बन रहा है।
अनारोबीक बैक्टीरिया फॉस्फीन बनाते हैं। यह तालाब के कीचड़ और पेंग्विन के मल में पाए जाते हैं। 2020 में, शुक्र के आसपास गैस की परतों में इस रसायन के निशान पाए गए, जिसका वातावरण पृथ्वी के समान है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के लॉन्च से पहले पेंगुइन और फॉस्फीन पर शोध किया जा रहा है।