नई दिल्ली: शोधकर्ताओं की मानें तो एल्युमीनियम के बर्तनों में एसिड युक्त चीजें को बनाने से बचना चाहिए। अगर आप इसके बर्तन में चाय या दूध उबालते हैं तो ऐसा ना करें। इसके अलावा इसमें टमाटर प्यूरी, सांभर और चटनी आदि बनाने से बचना चाहिए। जहां तक हो सके इन बर्तनों में स्लो कुकिंग से बचें।
खाना जितनी देर तक इनमें मौजूद रहेगा तब तक तत्व भोजन की गुणवत्ता को बिगाड़ेंगे। अध्ययन में पाया गया है कि अगर एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाया जाए तो हानिकारक एजेंट आसानी से भोजन के साथ प्रतिक्रिया करने लगते हैं। और शरीर के अंदर पहुंचकर मानसिक और शारीरिक सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।जब आप अधिक देर तक एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाते हैं तो खाने में नेचुरल तरीके से मौजूद आयरन और कैल्शियम जैसे तत्व गायब हो जाते हैं।
यही नहीं खाने के साथ अगर एल्युमीनियम के पार्टिकल शरीर में चले जाएं तो आयरन और कैल्शियम सोखना शुरू कर देते हैं जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। इसके अलावा अल्जाइमर होने की संभावना भी बढ़ सकती है। इससे टीबी और किडनी डिजीज भी हो सकता है। यह हमारे लीवर और नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित करता है। जब भी एल्युमीनियम के बर्तनों का प्रयोग करें तो इस बात को ध्यान में रखें कि खाने को बहुत देर तक उसी बर्तन में स्टोर ना करें।
बता दें कि भारतीय किचन में एल्युमीनियम के बर्तन आसानी से देखे जा सकते हैं। इन्हें मेंटेन करना आसान होता है और यह तेजी से गर्म भी हो जाता है। यही नहीं, ये बर्तन अधिक महंगे भी नहीं होते, इन वजहों से रोजाना के भोजन को बनाने के लिए इनका खूब प्रयोग किया जाता है। लेकिन शोधों में यह पाया गया है कि इसका कुकिंग में प्रयोग हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। यह भोजन की गुणवत्ता को तो प्रभावित करते ही हैं, हमें बीमार भी बना सकते हैं।