नई दिल्ली: ताजा अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि सर्दी-जुकाम जैसी परेशानी पैदा करने वाले अन्य कोरोना वायरस के खिलाफ जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, उनमें कोविड-19 से लड़ने की ताकत अधिक हो जाती है। इस स्टडी के लिए सार्स सीओवी-2 के प्रकाश में आने से पहले चार अन्य कोरोना वायरस के विश्लेषण के लिए 825 नमूने लिए गए थे। बाद में सार्स सीओवी-2 से संक्रमित 389 लोगों के नमूनों का भी सघन परीक्षण किया गया।
कंप्यूटर आधारित मॉडल के साथ इन विश्लेषणों का मेल करने के बाद रिसर्चर्स ने निष्कर्ष निकाला कि किस प्रकार एंटीबाडी हमलावर वायरस को निष्क्रिय करती है।पता चला कि सार्स सीओवी-2 की गिरफ्त में आने वालों की एंटीबाडी कोरोना वायरस के खिलाफ भी कमजोर थी।
बता दें कि सार्स सीओवी-2 से कोविड-19 बीमारी होती है, जबकि अन्य कोरोना वायरस सर्दी-जुकाम जैसी सामान्य समस्याएं पैदा करते हैं।जिन लोगों में सामान्य कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबाडी का स्तर ऊंचा रहा, उन्हें सार्स सीओवी-2 के संपर्क में आने के बाद भी अस्पताल में भर्ती होने का खतरा कम था।
ज्यूरिख यूनिवर्सिटी में इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी की प्रमुख अलेक्जेंड्रा ट्रकोला ने कहा, ”अन्य कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत रोग प्रतिरोधक प्रतिक्रिया वाले लोगों में सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के खिलाफ भी कुछ हद तक बचाव की क्षमता होती है। उन्होंने कहा, ” हमारी स्टडी ये दर्शाती है कि अन्य कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत रोग प्रतिरोधक प्रतिक्रिया सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ भी काफी हद तक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
ऐसे में, हानिरहित कोरोना वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त करने वाले लोगों को गंभीर रूप से बीमार करने वाले सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ भी बेहतर सुरक्षा प्राप्त होती है।” मालूम हो कि पिछले दो सालों से पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले कोरोना वायरस को लेकर हुई एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि हल्के लक्षण वाले कोरोना वायरस भी शरीर को फायदा पहुंचा सकते हैं।