नई दिल्ली: सीने में दर्द को लेकर हार्ट प्रॉब्लम्स के साथ ही कई दूसरे कारण हो सकते हैं लेकिन लोग दर्द होने पर अक्सर घबराने लगते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डाइजेस्टिव सिस्टम से जुड़ी परेशानियां जैसे एसिड रिफ्लक्स गॉलस्टोन जीईआरडी गॉल ब्लैडर की सूजन और दूसरी पैंक्रियाज संबंधी बीमारियां भी कई बार चेस्ट पेन का कारण बनती हैं। लंग्स और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट की बीमारियां चेस्ट पेन का मुख्य कारण बनती हैं। अस्थमा ब्रोंकाइटिस निमोनिया या सीओपीडी जैसी समस्याएं कई बार सीने में गंभीर दर्द पैदा कर सकती हैं।
कई बार पैनिक अटैक के दौरान लोगों को सीने में दर्द उठता है। इसके साथ ही स्ट्रेस डिप्रेशन और पीटीएसडी जैसे डिसऑर्डर्स चेस्ट पेन में एहम किरदार हो सकते हैं।चेस्ट पेन को अक्सर हार्ट संबंधी समायाओं से जोड़कर देखा जाता है। कार्डियोमायोपैथी हार्ट अटैक या ब्लड वेसल्स और मसल्स के ब्लॉक होने के कारण सीने में सामान्य या गम्भीर दर्द उठ सकता है। चेस्ट पेन हर आयु वर्ग में अलग-अलग इंटेंसिटी और वजह के साथ अलग-अलग समयावधि के लिए हो सकता है। ऐसे में घबराने की जगह कुछ आसान घरेलू नुस्खे जान लेना इस समस्या का समाधान हो सकता है।
एंटीबायोटिक और हीलिंग गुणों वाली हल्दी इंफ्लेमेशन से राहत देती है जिससे चेस्ट पेन में आराम मिलता है। हल्दी पेट से जुड़ी परेशानियों से लड़ने के साथ ही हार्ट से जुड़ी बीमारियों से भी बचाव करती है। हार्ट मसल्स की तकलीफ चेस्ट पेन का बड़ा कारण है और इसे शांत करने के लिए कोल्ड पैक्स एक स्मार्ट चॉइस हो सकते हैं।
4 आउंस पानी में आधा छोटा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पीने से खाने के बाद हुई सीने की जलन या एसिडिटी से छुटकारा मिल सकता है।
बता दें कि सीने में दर्द उठना मन में डर पैदा कर देता है और लोग बिना वजह समझे ही पैनिक की स्थिति में आ जाते हैं। सामान्यतः चेस्ट पेन हार्ट संबंधित गंभीर समस्याओं की ओर इशारा करता है लेकिन इसके दूसरे कारण जान लेना भी आवश्यक है। ये कारण कई बार पुरानी बीमारियों या वर्तमान की किसी मेडिकल कंडीशन की ओर इशारा कर सकते हैं। प्रभाव और प्रभावित क्षेत्रों के मुताबिक चेस्ट पेन स्टेबल या अनस्टेबल हो सकता है। कई बार ये दर्द गर्दन से लेकर कमर तक भी बढ़ सकता है।