फर्ज कीजिए कि आप अपने गंतव्य तक पहुँचने की ज़ल्दी में हैं। आप अपने कदम तेज़ी से आगे बढ़ा रहे हैं कि तभी अचानक से एक बिल्ली आती है और आपका रास्ता काट जाती है। ऐसे में आप क्या करेंगे ? शायद वही जो ज़्यादातर भारतीय ऐसे में करेंगे – थोड़ी देर रुक जायेंगे और किसी और के वहां से गुजरने का इंतज़ार करेंगे।
प्राचीन काल से ही ऐसी मान्यता प्रचलित है कि अगर बिल्ली आपका रास्ता काट दे तो आपको कुछ देर रूक जाना चाहिए या उस रास्ते से नहीं गुजरना चाहिए, खासकर यदि काली बिल्ली आपका रास्ता काटे तो इसे बहुत अशुभ माना जाता है।
हमारे परिजन भी हमेशा हमें बिल्ली द्वारा रास्ता काटने पर आगे न जाने की सलाह देते हैं। बिल्ली के रास्ता काटने को अशुभ का संकेत माना जाता है। यह मान्यता है कि बिल्ली अन्य जीवों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील प्राणी है जो कि भविष्य में होने वाली घटनाओं को काफी सटीक और पहले ही भांप लेती है। उसके द्वारा रास्ता काटना एक चेतावनी माना जाता है जिसे समझकर हम दुर्घटनाओं से बच सकते हैं।
वैज्ञानिक आधार
अनेक लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं। हालांकि वैज्ञानिक तथ्य भी यह कहते हैं कि अनेक जीवों में प्रकृति की घटनाओं के घटित होने से पूर्व समझने की शक्ति होती है। यह भी देखा गया है कि बड़ी-बड़ी घटनाओं के पहले अनेक जानवरों के व्यवहार में अचानक परिवर्तन आ जाता है। जब जापान में सुनामी आई थी तब उसके ठीक पहले तटीय क्षेत्रों के पालतू जीवों के व्यवहार में स्पष्ट परिवर्तन देखने को मिला था। बिल्कुल उसी तरह बिल्ली के व्यवहार को भी कुछ लोग सही मानते हैं और बिल्ली के रास्ता काटने के बाद कुछ देर रूक कर आगे बढ़ने को कहते हैं, जिससे भावी दुर्घटनाओं की आशंका टाली जा सके।
सावधानी ही सुरक्षा
वर्तमान युग में इस बात पर यकीन करना मुश्किल है लेकिन न केवल भारत में बल्कि प्राचीन यूनान, मिस्र आदि अनेक देशों में भी बिल्ली के रास्ता काटने को अशुभ माना जाता है। यूरोप और अमेरिका में भी बिल्ली के रास्ता काटने को अशुभ मानते हैं जबकि जापान में बिलकुल इसके उलट है। जापान में बिल्ली के रास्ता काटने को अच्छा समझा जाता है। वहीं ऐसे लोगों की भी कमी नहीं जो बिल्ली के रास्ता काटने को केवल एक अंधविश्वास मात्र समझते हैं। इसलिए इस तरह की बातों को मानना या नहीं मानना पूरी तरह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है।