दार-ए-सलाम: तंजानिया में इंसानों को करोडो साल पुराने पदचिन्ह मिले हैं/ करीब 3.7 करोड़ साल पुराने ये पदचिन्ह बताए जा रहे हैं।अब तक माना जाता था कि ये भालू के पैरों के निशान हैं। हालांकि अब खुलासा हुआ है कि ये प्राचीन भालू के नहीं बल्कि इंसानों के पदचिन्ह हैं। ताजा शोध के मुताबिक बड़े अंगूठे और विशाल ऐड़ी के निशान वाले जीवाश्म तंजानिया में साल 1976 में मिले थे।
इनकी पहचान अज्ञात दो पैरों वाले जीव इंसानों के पूर्वज हो सकते हैं। इन इंसानों के पूर्वजों के चलने का ढंग काफी अजीब होता था। शोध में कहा गया है कि इस तरह की दो पैरों से चलने वाली एक प्रजाति 3.7 करोड़ साल पहले चलती थी। इस तरह के अलग पदचिन्ह नजदीक के लाइटोली पुरास्थल पर मिले हैं। इस पदचिन्ह को किसी दो पैरों से चलने वाले इंसान जैसे जीव का सबसे ठोस साक्ष्य माना गया था। यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि शुरुआती इंसान की कौन सी प्रजाति 1976 में मिले निशान के लिए जिम्मेदार हैं लेकिन इनसे खुलासा हुआ है कि यह दो पैरों वाला अजीब जीव था।
शोधकर्ताओं ने कहा कि पदचिन्ह इस तरह से बने हैं जैसे यह जीव प्रत्येक पैर को शरीर की मध्य रेखा से पहले दूसरे पैर के सामने छूने के लिए रख रहा होगा। मुख्य शोधकर्ता और ओहियो यूनिवर्सिटी में सहायक प्रफेसर एलिसन मैकनट ने कहा कि यह पदचिन्ह तब बने होंगे जब इंसानों का यह पूर्वज एक ऐसी जमीन से गुजर रहा होगा जो समतल नहीं थी। साल 1978 में लाइटोली स्थल पर एक के बाद एक 5 पदचिन्हों की खोज हुई थी।
साल 2019 में मैकनट और उनकी टीम ने इन पदचिन्हों की दोबारा जांच की थी और उनकी तुलना भालू, चिम्पैंजी के पैरों के निशान से की थी।शोधकर्ताओं का मानना है कि ये आस्ट्रालोपीथेकस अफरेनसीस हो सकते हैं जो इंसानों की शुरुआती प्रजातियों में शामिल हैं। इंसानों से मिलती जुलती यह प्रजाति सबसे लंबे समय तक रहने वाली और शुरुआती इंसानी पूर्वजों का सबसे अच्छा उदाहरण है।