नई दिल्ली: अश्वगंधा ना सिर्फ शारीरिक बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है कि बल्कि मानसिक स्वास्थ्य में भी यह लाभकारी है। अश्वगंधा का समय-समय पर सेवन एजिंग के असर को कम करता है। आमतौर पर लोग अश्वगंधा को स्टेमिना बढ़ाने वाला हर्ब्स मानते हैं लेकिन अश्वगंधा के कई और फायदे हैं। यहां जानिए अश्वगंधा के क्या-क्या फायदे हैं। अश्वगंधा शऱीर में मोटर रिस्पॉन्स यानी एक तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है जिसके कारण यह मेमोरी बढ़ाने में सहायक है। मोटर न्यूरॉन का संबंध बौद्धिक क्षमता से है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन की एक रिसर्च के मुताबिक अश्वगंधा के सेवन से किसी चीज पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली है। अक्सर लोग काम कुछ और करते हैं और उनका ध्यान कहीं और होता है। अश्वगंधा का सेवन काम में फोकस को बढ़ाता है। एक अन्य अध्ययन में यह भी पाया गया कि अश्वगंधा का सेवन ब्रेन में ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाता है जिससे मेमोरी बूस्ट होती है।
अश्वगंधा में इंसूलिन को सक्रिय करने और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने की क्षमता होती है। जब शरीर में इंसुलिन का स्तर सही रहता है तो यह ग्लूकोज को सोखने का काम करता है। जब ग्लूकोज या शुगर खून के अंदर सोख लिया जाएगा तो खून में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ेगी। यही कारण है अश्वगंधा के सेवन से व्यक्ति का शुगर नियंत्रित रहता है।
एक अन्य अध्ययन में यह भी पाया गया है कि अश्वगंधा का सेवन शरीर में फैट को बर्न करने में सहायक है। यानी अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो भी अश्वगंधा आपके लिए फायदेमंद है। अध्ययन के मुताबिक अश्वगंधा के सेवन से ब्लड शुगर के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी कम होता है। अश्वगंधा के सेवन के कारण दिमाग में ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा पहुंचती है। इसलिए इसे स्ट्रेस रिलीवर भी कहा जाता है।
कई अध्ययनों में यह बात साबित हो चुकी है कि अश्वगंधा के सेवन से तनाव और एंग्जाइटी का स्तर बहुत कम हो जाता है।मालूम हो कि भारतीय आयुर्वेद में अश्वगंधा के ओषधीय गुणों की खूब चर्चा है। यह एक ऐसा हर्ब्स है जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में सदियों से किया जा रहा है। माना जाता है कि छह हजार साल पहले भारतीयों को अश्वगंधा के औषधीय गुणों के बारे में पता था। अश्वगंधा संस्कृत शब्द है जिसमें अश्व का मतलब घोड़ा और गंधा का मतलब खूशबू है। यानी घोड़े जैसी ताकत और खूशबू का मिलन।