खाने के बाद गैस, सूजन, पेट खराब होना, कभी कभी कब्ज या थकान जैसी पाचन समस्याओं से कई लोग पीड़ित होते हैं। आज हम इन्हीं आम शिकायतों के सरल समाधान पर विचार करेंगे। हम क्या खाते हैं और कैसे और किस समय खाते हैं, इस पर बात करेंगे। मजबूत पाचन तंत्र इन समस्याओं से बचने के लिए आवश्यक है। इस प्रकार बेहतर होगा पाचन।
काम करते हुए भोजन ना करें
हम में से कई व्यक्ति दोपहर का भोजन मल्टीटास्किंग करते हुए मतलब यातायात में ड्राइविंग हुए, काम करते हुए मेज पर या फिर खड़े-खड़े ही खाने लगते हैं क्योंकि हमारे पास समय का अभाव होता है। हमारे शरीर को भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में उचित वातावरण की जरूरत होती है। इसलिए खड़े-खड़े, ड्राइविंग करते हुए, रस्ते पर चलते-चलते भोजन नहीं करना चाहिए। अगर आप के पास समय का अभाव है, फिर भी आप को बैठ कर ही भोजन करना चाहिए।
खाने आराम से खायें
खाना हमें जीवन देता है। आयुर्वेद के अनुसार खाना हमारी चेतना के विकास के साथ साथ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। जब हम नीचे बैठ कर खाना खाते हैं तो हमारा पेट सुकून की मुद्रा में रहता है और हमारा सारा ध्यान खाने के स्वाद, खाना कैसा बना हुआ है और भोजन की सुगंध पर रहता है जो हमारे पाचन में काफी सुधार करता है।
पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय
हमारे शरीर में भोजन को पचाने के लिए पाचन अग्नि होती है जिसे हम पाचन ऊर्जा भी कहते हैं। हम अपनें पाचन ऊर्जा में सुधार से पहले भोजन ग्रहण करने लगते हैं। कमजोर पाचन अग्नि खाने के बाद थकान की समस्या पैदा करती है। इसलिए आयुर्वेद के अनुसार अपनी पाचन ऊर्जा को नियमित करने के लिए हमें भोजन से पहले ताजा अदरक थोड़े नींबू के रस और एक चुटकी नमक के साथ लेने को कहा जाता है। यह लार ग्रंथियों को सक्रिय करता है, ताकि हमारा शरीर भोजन से पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित कर आवश्यक एंजाइमों को बना सके।
आयुर्वेद के अनुसार पाचन आग का संतुलित रहना बहुत ही महत्वपूर्ण है। अगर हमारी पाचन ऊर्जा बहुत कम होती है तो खाना पचने में बहुत समय लगता है। उसी तरह यदि पाचन अग्नि अधिक होती है तो यह भोजन जला देती है। यही कारण है कि भोजन अच्छे से और आसानी से पचाने के लिए हमारी पाचन आग को संतुलित होना चाहिए।