वॉशिंगटन: दुनिया में एक बार फिर तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य और संक्रामक रोग विशेषज्ञ सावधान हो गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि नए साल 2023 में कोरोना के नए वेरिएंट की निगरानी बहुत जरूरी है। बाल्टीमोर में जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में माइक्रोबायोलॉजिस्ट एंड्रयू पेकोज़ ने कहा कोरोना वायरस का ओमिक्रोन वेरिएंट वही कर रहा है जो बाकी वायरस करते हैं। ये खुद को म्यूटेट करते हैं अपनी इम्युनिटी बढ़ाते हैं और कुछ हद तक वैक्सीन को भी चकमा देते हैं।
उन्होंने कहा पिछले कुछ समय से हमने ओमिक्रोन के म्यूटेशन में कोई बड़ी छलांग नहीं देखी हैं लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इसकी निगरानी बहुत जरूरी है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों के मुताबिक ओमिक्रोन के सबवेरिएंट्स एक्सबीबी.1.5 बीक्यू.1.1 बीक्यू.1 बीए.5 और एक्सबीबी तेजी से संक्रमण फैला रहे हैं। सीडीसी का अनुमान है कि इस सप्ताह एक्सबीबी.1.5 के अमेरिका में 40.5 फीसदी मामले हो चुके हैं।
इसके बाद बीक्यू.1.1 के मामले 26.9 फीसदी बीक्यू.1 के 18.3 फीसदी बीए.5 के 3.7 फीसदी और एक्सबीबी के 3.6 मामले हैं। सीडीसी के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में लिखा कि कुछ वेरिएंट उभरेंगे और खत्म हो जाएंगे वहीं कुछ बढ़ते रहेंगे। कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट दुनिया भर में मिले हैं लेकिन चीन में बढ़ते मामलों के बाद इस बात की चिंता है कि आखिर 2023 में ये कहां तक बढ़ेंगे।
वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में संक्रामक रोगों के विभाग में प्रोफेसर डॉ विलियम शेफ़नर ने कहा यह चिंता की बात है और सीडीसी की हाल की घोषणा इसे और बढ़ाती है। इसी चिंता को देखते हुए अमेरिकी अधिकारियों ने घोषणा की है कि 5 जनवरी से चीन से आने वाले सभी यात्रियों को कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी।
अटलांटा में एमोरी स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड ग्रेडी हेल्थ सिस्टम के कार्यकारी सहयोगी डीन डॉ कार्लोस डेल रियो ने कहा कि यात्रियों की कोरोना टेस्टिंग से कुछ समय मिल जाएगा। लेकिन कोरोना को पूरी तरह से नहीं रोका जा सकेगा। इस बात की भी चिंता जताई जा रही है कि कोरोना के बढ़ते मामलों से म्यूटेशन बढ़ेगा।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेलमैन में महामारी विज्ञान में मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ जेसिका जस्टमैन के मुताबिक अमेरिका में अभी कोरोना स्थिर है लेकिन हाल में देखा गया है कि अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है।