बीयर दुनिया की सबसे प्राचीनतम पेय पदार्थों में शुमार की जाती है. बीयर के ईसा से भी 5 हजार साल पहले बनाए जाने के सबूत मिलते हैं. वर्तमान विश्व में भी यह पानी और चाय-कॉफी के बाद दुनिया की सबसे लोकप्रिय ड्रिंक्स में से एक है. बीयर का इतिहास इतना पुराना है तो जाहिर बात है कि इसके साथ कई एक्सपेरिमेंट भी किए गए होंगे। नतीजन इंसानों को ऐसी-ऐसी बीयर चखने को मिली, जिसके बारे में सामान्य लोग कल्पना भी नहीं कर सकते. आगे हम आपको कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब बीयर के बारे में बताने वाले हैं-
उन-कोनो-कूरो (Un Kono Kuro) एक जापानी बीयर है. इसे अलग किस्म का फ्लेवर देने के लिए इसमें कॉफी मिलाई जाती है. हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली कॉफी पहले हाथियों को खिलाई जाती है. फिर हाथी की पॉटी के साथ बाहर आए कॉफी बीन्स से बीयर बनाई जाती है. इसकी वजह यह है कि कॉफी हाथी के पेट में जाने के बाद अंदर की गर्मी से रोस्ट होती है. फिर पॉटी से इसी रोस्टेड कॉफी को चुनकर बीयर बनाई जाती है. कहते हैं कि इससे बीयर में कॉफी का एक अलग फ्लेवर जुड़ जाता है. हालांकि, यह बीयर काफी महंगी होती है क्योंकि हाथी को बहुत ज्यादा कॉफी खिलाई जाती है लेकिन पॉटी के जरिए निकलने वाली कॉफी की मात्रा बहुत कम होती है।
पोरो स्पेस बार्ली (Sapporo Space Barley) अंतरिक्ष में उगाई गई जौ से तैयार की गई बीयर है. इसे इंटरनैशनल स्पेस स्टेशनों में उगाई गई जौ से सपोरो ब्रूइरीज लिमिटेड ने तैयार किया है. हालांकि, यह एक लिमिटेड एडिशन बीयर है. कहा जाता है कि इसे बेचने से हुई कमाई को विज्ञान की भलाई के लिए दान दिया गया. वहीं, अमेरिकी शहर डेलवेयर स्थित ब्रूइरी डॉगफिश हेड ने चांद के उल्कापिंडों की धूल से एक बीयर बनाई, जिसे नाम दिया गया सेलेस्ट-जूअल-एल (Celest-jewel-ale). इसे बनाने के लिए उल्कापिंडों की धूल नासा के लिए स्पेसक्राफ्ट बनाने वाली एक कंपनी ने दी. यह भी एक लिमिटेड एडिशन बीयर थी।
द एंड ऑफ हिस्ट्री (The End of History) नाम की यह बीयर को स्कॉटलैंड की ब्रूइडॉग कंपनी ने तैयार किया है. इसमें 55 प्रतिशत से ज्यादा एल्कॉहल होती है. बीयर की खूबी जो हो, लेकिन इसकी बोतल बेहद अजीबोगरीब है. इसे स्टोट (stoat) और गिलहरी जैसे जानवरों के स्किन से कवर करके तैयार किया गया है. हालांकि, जिन पशुओं का इस्तेमाल हुआ, वे सभी सड़क दुर्घटनाओं के शिकार हुए थे. कहते हैं कि इसकी सिर्फ 12 बोतलें ही तैयार की गई और हर बोतल के साथ एक सर्टिफिकेट भी दिया जाता था. इसे तैयार करने में स्कॉटलैंड से नेटल लीव्स (nettle leaves) और ताजे जूनिपर बेरीज (juniper berries) का इस्तेमाल किया गया. इसकी एक बोतल की कीमत 20 हजार डॉलर यानी।
स्नेक वेनम (SNAKE Venom) के नाम पर मत जाइए. इसमें सांप का जहर बिलकुल नहीं होता. हालांकि, इसके दुनिया की सबसे स्ट्रॉन्ग बीयर होने का दावा किया जाता है. इसमें 67.5 प्रतिशत एल्कॉहल होती है. यानी इसमें व्हिस्की, रम, वोदका जैसी हार्ड ड्रिंक्स से भी ज्यादा एल्कॉहल होता है. इसे स्कॉटलैंड में तैयार किया जाता है. इसमें अतिरिक्त एल्कॉहल के अलावा चेरी और ऐपल का फ्लेवर मिला होता है. कहते हैं कि इसे बहुत ज्यादा मात्रा में पीना जानलेवा हो सकता है इसलिए इसकी बोतल पर कई तरह की चेतावनियां भी दर्ज होती हैं. वाइन एक्सपर्ट इसे एक बार में सिर्फ 35 एमएल, वो भी शॉट गिलास में धीमे-धीमे पी जाने की सलाह दी जाती है।
गोस्ट फेस किलाह (Ghost face Killah) को अमेरिकी राज्य कोलाराडो में तैयार किया जाता है. यह एक लाइट बीयर है, जिसमें महज 5.2 प्रतिशत ही एल्कॉहल होती है. हालांकि, इसकी खूबी इसकी एल्कॉहल पर्सेंटेज नहीं, इसमें मिली एक से बढ़कर एक तीखी मिर्च हैं. इसे बनाने में जालापीनो, हाबानेरो, सेराना, फ्रेसनो, एनाहिम पेपर्स और गोस्ट पेपर जैसी मिर्चों का इस्तेमाल होता है. यह इतनी तीखी होती है कि इसे पीना अच्छे-अच्छों के लिए मुश्किल हो जाए. इसी वजह से इसकी बोतल पर कई तरह की चेतावनियां भी दर्ज होती हैं. इसी तरह मिर्चों से तैयार एक और बीयर होती है, जिसका नाम है स्टोन क्राइम चिली।
फॉसिल फ्यूल्स (Fossil Fuels) नाम की इस बीयर को अमेरिकी शहर कैलिफोर्निया में तैयार किया गया. एक माइक्रोबॉइलॉजिस्ट को साल 1995 में अपनी रिसर्च के दौरान एक जीवाश्म में 4.5 करोड़ साल पुराना यीस्ट मिला. इसके बाद, उन्होंने कुछ बीयर बनाने वाले लोगों से संपर्क किया और इस बीयर का उत्पादन शुरू हुआ. इस प्राचीनतम यीस्ट की वजह से तैयार होने वाले बीयर का फ्लेवर बिलकुल अलग होता है।
फुल सर्किल (Full Circle) को अमेरिकी शहर सैनडिएगो के स्टोन ब्रूइरी ने तैयार किया. इसे रिसाइकिल किए गए नाली के पानी से तैयार किया गया. नाली के पानी का बीयर में इस्तेमाल एक पल के लिए घिनौनी भावना से भर सकता है लेकिन रिसाइकिल होने के बाद यह बीयर को कथित तौर पर अलग फ्लेवर देता है. वहीं, डेनमार्क में बीयर के साथ प्रयोग में कुछ लोग बहुत आगे ही निकल आए. साल 2015 में रॉकस्लाइड म्यूजिक फेस्टिवल के दौरान लोगों से 50 हजार गैलन सूसू इकट्ठी की गई और बाद में उससे पिसनर (Pisner) बीयर तैयार की गई।