बाबा बागेश्वर धाम सरकार की ये बातें नहीं जानते होंगे आप
मध्य प्रदेश के छतरपुर के पास एक गांव गढ़ा में बालाजी हनुमान का एक सिद्ध मंदिर हैं
बागेश्वर धाम में बालाजी हनुमान मंदिर के सामने ही शिवजी का मंदिर है जिसे महादेव का मंदिर कहते हैं
गढ़ा स्थित बागेश्वर धाम में ही सिद्ध गुरु और दादाजी महाराज की समाधि है.
गढा का यह बागेश्वर धाम स्थान उत्तराखंड के बागेश्वर धाम की ही शक्ति है.
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण गर्ग अपने दादाजी भगवानदास गर्ग को ही अपना गुरु मानते थे.
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण गर्ग के दादाजी एक सिद्ध संत थे, वो निर्मोही अखाड़े से जुड़े हुए थे और दरबार भी लगाते थे.
धीरेन्द्रजी को हनुमानजी और उनके स्वर्गीय दादाजी की ऐसी कृपा हुई की उन्हें दिव्य अनुभूति का अहसास होने लगा...
और वे भी लोगों के दु:खों को दूर करने के लिए दादाजी की तरह 'दिव्य दरबार' लगाने लगे.
पंडित धीरेंद्र के मुताबिक उन्हें हनुमानजी और सिद्ध महाराज के प्रत्यक्ष दर्शन हुए है.
9 वर्ष की उम्र में ही वे हनुमानजी बालाजी सरकार की भक्ति, सेवा, साधना और पूजा करने लगे थे...
कहते हैं कि इसी साधना का उन पर ऐसा असर हुआ की, बालाजी की कृपा से उन्हें लोगों के मन की बात पता चलने लगी.
बागेश्वर धाम में मंगलवार को अर्जी लगती है. अर्जी लगाने के लिए लोग लाल कपड़े में नारियल बांधकर अपनी मनोकामना बोलकर उस नारियल को यहां एक स्थान पर बांध देते हैं
और मंदिर की राम नाम जाप करते हुए 21 परिक्रमा लगाते हैं.