इंडिया गेट भारत की ऐतिहासिक विरासतों में से एक इसे एक युद्ध स्मारक के रूप में भी जाना जाता है.
यह पूरी दुनिया का सबसे बड़ा युद्ध स्मारक है जिसकी ऊंचाई 42 मीटर है, ये नई दिल्ली के कर्तव्य पर स्थित है, जिसका नाम पहले राजपथ हुआ करता था.
इस स्मारक का निर्माण अंग्रेज शासको द्वारा 1931 में कराया गया था।, इसके निर्माण में 10 साल का समय लगा था
पहले इंडिया गेट को किंग्सवे के नाम से पुकारा जाता था, इसका डिजाइन “सर एडवर्ड लुटियन्स” ने तैयार किया था
इंडिया गेट का डिजाइन पेरिस में बने एक इमारत “आर्क डे ट्रॉयम्फ़” से प्रेरित है
इंडिया गेट अंग्रेज शासकों द्वारा प्रथम विश्व युद्ध तथा अफगान युद्ध में शहीद हुए 90000 सैनिकों की स्मृति में बनवाया गया था.
इंडिया गेट पर यूनाइटेड किंगडम के कुछ सैनिक तथा अधिकारियों समेत कुल 13300 नाम लिखे हुए है.
लाल एवं पीले कलर के बलुआ पत्थरों से बने इंडिया गेट की चौड़ाई 9.1 मीटर तथा व्यास 625 मीटर एवं कुल क्षेत्रफल 360000 वर्ग मीटर है
इंडिया गेट के मेहराब के नीचे इंदिरा गांधी द्वारा अमर जवान ज्योति स्थापित की गई है। जिसमें गुमनाम शहीद सैनिकों की याद में राइफल के ऊपर एक टोपी सजी हुई थी.
इस टोपी के चारों कोनों पर हमेशा एक दीपक जलता रहता है। जिसे मोदी सरकार द्वारा नेशनल वॉर मेमोरियल में शिफ्ट कर दिया गया है.